Moradabad : 13 साल पहले हुई किसान की हत्या में परिवार के चार लोगों समेत पांच को आजीवन कारावास

मुरादाबाद, कोर्ट ने 13 साल पहले हुई किसान की हत्या में परिवार के चार लोगों समेत पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें तीन सगे भाई और पिता-पुत्र शामिल हैं। अदालत ने सभी दोषियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सोमवार को एडीजे-तेरह माध्वी सिंह ने यह फैसला सुनाया। खेत, में पानी भरने को लेकर हुए विवाद में लाठी-डंडों से पीटकर एक किसान की हत्या की गई थी।

जिले के थाना भगतपुर क्षेत्र के गांव मानपुर दत्तराम निवासी शकुंतला ने 7 जून, 2011 को मुकदमा कायम कराया था। विवाद में उसके पति गोविंद सिंह की मौत हो गई थी। घटनाक्रम के अनुसार 5 जून को उसका बेटा संजीव अपने खेत में पानी दे रहा था। खेत के पास मेड़ वाली जमीन पर भाई श्रीराम व यादराम भी अपने खेत में पानी दे रहे थे। आरोप है कि लोगों ने खेत की मेड़ को तोड़ दी। संजीव ने ने ऐसा करने से रोकना चाहा मगर दोनों भाइयों ने मिलकर उसे बुरी तरह पीट दिया। खेत पर विवाद की

बात सुनकर दूसरा बेटा जगवीर और पति गोविंद सिंह जब खेत की ओर रवाना हुए तभी रास्ते में श्रीराम, यादराम, जसवंत, सुरेश समेत अन्य लोगों ने उन्हें रोक लिया और पिता पुत्र की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की। बेटे ने भागकर किसी तरह से जान बचा ली मगर गोविंद सिंह घायल होने के कारण वहीं बेसुध हो गए। हमलावर भी उसे मरा जानकर भाग गए। घटना में गांव के कुंवर सिंह व ऊदल सिंह ने भी देखा है। घायल को अस्पताल लाया गया मगर दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। महिला की रिपोर्ट पर सात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम कर लिया गया। हालांकि पुलिस ने विवेचना में दो आरोपी सुरेश व महावीर सिंह के नाम शामिल नहीं किये थे। बाकी पांच के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट में हुई। एडीजीसी ब्रजराज सिंह के अनुसार प्रत्यक्षदर्शी गवाह व बयान के आधार पर अदालत ने पांचों. को कसूरवार ठहराया। अदालत ने मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर पांचों दोषियों को उम्रकैद व 15-15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने शनिवार को दोषी माना था पर सजा पर आज फैसला हुआ है।

वाराणसी के जिलाधिकारी ने मुरादाबाद में दर्ज कराए बयान

मुरादाबाद में विवेचना अधिकारी रहे वाराणसी के डीएम एस राजलिगम सोमवार को अदालत पहुंचे और बयान दर्ज कराए। सिविल लाइंस में यह मामला 121 2009 का है। तब वह यहां सीओओं के पद पर तैनात थे और केस की विवेचना की थी। यह मामला मुरादाबाद की विशेष न्यायधीश एससीएसटी कोर्ट में विचाराधीन है। सिविल लाइंस में लोकोशेड पर – रेल कर्मी राहुल शर्मा आदि के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट का आरोप है। दी अगस्त, 2009 को हुई इस घटना तत्कालीन विवेचनाधिकारी एस राजलिंगम सिविल लाइंस में सीओ थे। डीएम वाराणसी एस. राजलिंगम सोमवार को केस के विवेचना अधिकारी के तौर पर बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट पहुंचे। अदालत में बयान दर्ज कराए। बचाव पक्ष के वकील अभिषेक भटनागर ने बताया कि कुढ़ फतेहगढ़ निवासी सुनील कुमार ने अपने साले नारायण दास के घर में घुसकर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि श्रीराम, राहुल शर्मा समेत दो अन्य हमलावरों ने घर में घुसकर मारपीट की। जाति सूचक गालियां दी। तब नारायण अपनी बहन के घर लोकोशेड आया था। घटना की विवेचना तत्कालीन सीओ सिविल लाइन एस राजलिगम ने की थी। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट में की जा रही है। अदालत ने मामले में बयान के लिए तलब किया था।

कटघर के शातिर को गैंगस्टर में तीन साल की सजा

सोमवार को एडीजे-पंचम ज्ञानेन्द्र सिंह यादव ने कटघर के शातिर को गैंगस्टर में तीन साल की सजा सुनाई है। पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है। कटघर में तत्कालीन थाना प्रभारी शिवनारायण सिह ने 30 अप्रैल 2010 को कुंदरकी के चतुपुर के उरमान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा कायम कराया था। आरोप है कि आरोपी का गैंग है, जिससे वह अवैध रूप से आर्थिक घन ऐंठता है। केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट में हुई। राज्य सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजीव त्यागी ने साक्ष्य प्रस्तुत किए। – अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को गैंगस्टर एक्ट का दोषी पाया।

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