Moradabad : वेश बदला…पेशा बदला, शहर बदला; फिर भी कानून ने 28 साल बाद किया गया गिरफ्तार
कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, ये कहावत एक बार फिर साबित हो गई। 28 साल से फरार चल रहे डकैत नेपाल गिरी ने काम बदला, पता चला लेकिन कानून से नहीं बच पाया। शुक्रवार को बिलारी पुलिस ने 25 हजार के इनामी डकैत नेपाल गिरी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
एसपी देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि तीन अप्रैल 1989 की रात बिलारी क्षेत्र के स्योहारा गांव में हरद्वारी, डोरी, दिनेश और नेकसे के घर में बदमाशों ने धावा बोलकर डकैती की घटना को अंजाम दिया था। विरोध करने पर नेकसे को गोली मार दी गई थी।
बिलारी पुलिस ने संभल जनपद के कुढ़फतेहगढ़ थाना क्षेत्र मुडिया खेड़ा निवासी अबरार, बदायूं के फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के रहौली निवासी नौशे, कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के शाहबाजपुर निवासी रामवीर, बिलारी के नरूखेड़ा निवासी वीर सिंह, बदायूं के फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के दानपुर निवासी रामस्वरुप, ओमकार, निठठू उर्फ चंद्रपाल और कुढ़फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के मुडिया खेड़ा निवासी नेपाल को गिरफ्तार कर डकैती की घटना का खुलासा किया था।
27 जुलाई 1989 को पुलिस ने सभी आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। आरोपी जमानत पर जेल से छूट गए थे, लेकिन आरोपी नेपाल जमानत पर छूटने के बाद कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। 1996 से आरोपी फरार चल रहा था। नेपाल गिरी के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद धारा 82 और 83 सीआरपीसी के तहत कुर्की की कार्रवाई भी की गई।
28 मार्च 2003 से नेपाल गिरी को अदालत ने फरार घोषित कर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था। शुक्रवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि जमानत मिलने के बाद अपने गांव नहीं गया। इसके बाद वह कई साल तक बदायूं में रहा। इसके बाद उसने अपना पेशा ही बदल दिया।
वह हलवाई की दुकान पर काम करने लगा था। उसने अपना हुलिया भी बदल लिया था। 15 साल से वह रामपुर के शाहबाद थाना क्षेत्र के पतौता में रहता था। शुक्रवार को अपने गांव स्योहारा जा रहा था। इसी बाद उसे पुलिस ने पकड़ लिया। एसपी देहात ने बताया कि बिलारी थाना प्रभारी रविंद्र प्रताप सिंह पुलिस टीम के साथ आरोपी की तलाश में जुटे थे।