Moradabad : मासूम के कान से खींच ले गए पांच लाख की डिवाइस सुनने में मददगार होती है डिवाइस

पर्स, चेन, नकदी लुटने की घटनाएं तो आम बात है, लेकिन मुरादाबाद में जो वारदात हुई, उससे सभी हैरान रह गए। कोतवाली क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के सामने व्यस्तम सड़क पर हाईटेक बाइक सवार लुटेरे आए और पांच साल के बच्चे के कान में कॉक्लियर इंप्लांट कर लगाई डिवाइस ही खींचकर ले गए। इस डिवाइस की कीमत करीब पांच लाख रुपये है। पुलिस और एसओजी लुटेरों की तलाश में जुटी है।

कटघर के कमला विहार पीतलनगरी निवासी नकुल सिंह का पांच वर्षीय बेटा राघव एलकेजी में पढ़ता है। बच्चा जन्म से सुन नहीं सकता। पिछले साल अगस्त माह में नकुल ने बेटे की कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी कराई थी। जिसमें एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाई थी। इसके बाद से राघव सुनने लगा था। लेकिन सप्ताह में दो बार उसे स्पीच थेरेपी करानी पड़ती थी। पाकबड़ा स्थित टीएमयू में स्पीच थेरेपी कराई जाती है।

मंगलवार दोपहर नकुल की पत्नी कुसुम लता अपने बेटे को साथ लेकर ऑटो से टीएमयू जा रही थीं। राघव ऑटो में बाहर की तरफ बैठा हुआ था, जबकि उसकी मां अंदर की ओर बैठी थी। रेलवे स्टेशन के सामने जाम की स्थिति थी जबकि कुछ ही दूरी पर पुलिस कर्मी वाहनों की चेकिंग करने में व्यस्त थे। इसी दौरान बाइक सवार दो लुटेरे आए और राघव के कान से डिवाइस निकाल लेकर गए। इससे पहले राघव ही कुछ समझ पाता बाइक सवार मौके से फरार हो गए। घटना के बाद कुसुमलता बेटे को लेकर ऑटो से उतर गईं। उन्होंने इंपीरियल तिराहे पर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस लुटेरों की तलाश में जुटी, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पाया है। सीओ कोतवाली सुनीता दहिया ने बताया कि बदमाशों की तलाश की जा रही है।

स्मार्ट सिटी के कैमरों से नहीं मिली मदद

घटना की जानकारी मिलने कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल में जुट गई। मां-बेटे से पूछताछ के बाद बदमाशों की तलाश शुरू की गई। पुलिस की एक टीम स्मार्ट सिटी के तहत पीलीकोठी पर बने इंटीग्रेटिड कंट्रोल कमांड एंड सेंटर (आईसीसीसी) पहुंची और कैमरों को भी चेक किया गया। इसके बाद मां-बेटे भी मौके पर बुला लिए गए। हालांकि कैमरों से भी अब तक कोई मदद नहीं मिली है।

सुनने में मददगार होती है डिवाइस

कॉक्लियर इंप्लांट एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है। जिसके भीतरी और बाहरी दोनों भाग होते हैं। कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी बेहतर सुनने में मददगार होती है।

डिवाइस के जानकार हो सकते हैं लुटेरे

आमतौर पर लुटेरों को ऐसी डिवाइस की जानकारी नहीं होती है। डिवाइस खींचने वाले मेडिकल साइंस के जानकार हो सकते हैं। या फिर इससे वारदात को अंजाम देने वालों में कोई ऐसा शख्स भी हो सकता है, जिसे जानकारी होगी कि इस बच्चे के कान में डिवाइस लगी है और इसकी कीमत भी अधिक है। लुटेरों ने ऐसी जगह वारदात को अंजाम दिया। जहां भीड़भाड़ थी। बावजूद इसके वह भागने में भी कामयाब हो गए।

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