गजरौला (अमरोहा)। तिगरी गंगा तट पर वृद्धा का अंतिम संस्कार करने आए तीन युवक पंकज, नितिन और प्रिंस गंगा में बह गए। एक युवक पंकज को बचा लिया गया। दो मौसेरे भाई नितिन (22) और प्रिंस (21) की गंगा में डूबने मौत हो गई। दोनों मौसेरे भाइयों की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मंडी धनौरा के सुभाष नगर मोहल्ला निवासी होरी सिंह की पत्नी चंद्रवती का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे उनके शव को दाह संस्कार के लिए तिगरी गंगा तट पर ले जाया गया। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रिश्तेदार, सगे संबंधी और परिचित गंगा तट पर आए थे। इनमें अमरोहा के किशन गढ़ मोहल्ला निवासी प्रिंस (21) और मंडी धनौरा के सुभाष नगर का नितिन (22) भी थे। दोनों सगे मौसेरे भाई हैं। नोएडा का पंकज भी आया था। चिता में आग लगाने के बाद लोग गंगा में नहाने लगे।
सभी के साथ पंकज, प्रिंस व नितिन भी नहा रहे थे। अचानक तीनों के पैर गहरे पानी में चले गए। जिससे तीनों गहरे पानी में बह गए। उनको बचाने के लिए साथी कूद पड़े। काफी मशक्कत के बाद पंकज को तो बचा लिया गया लेकिन नितिन व प्रिंस को नहीं बचाया जा सका। वह देखते ही देखते गहरे जल में समा गए। खबर लगते ही गांव के गोताखोर दौड़ पड़े। उन्होंने भी गंगा में छलांग लगा दी। सूचना पाकर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मंडी धनौरा तहसीलदार परमानंद श्रीवास्तव गंगा तट पर पहुंचे। डूबे युवकों को तलाश करने के लिए नाव व गोताखोर लगाए।
तीन घंटे बाद करीब चार बजे नितिन का शव बरामद किया गया। उसे पुलिस ने तुरंत सीएचसी पहुंचाया। जिसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद प्रिंस की तलाश जारी रही। सवा पांच बजे प्रिंस का शव भी बरामद किया गया। पुलिस ने जिंदा होने की उम्मीद में सीएचसी भिजवाया। उसे भी चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। तहसीलदार का कहना है कि दो युवकों की डूब कर मौत हुई है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं।
गंगा में डूबे दोनों सगे मौसेरे भाई बेहद होनहार थे। जहां प्रिंस उर्फ पीयूष इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, वहीं नितिन धनौरा में ही बिजली के बिल निकालने का काम करता था। प्रिंस से परिजनों ने काफी उम्मीद पाल रखी थीं। उधर नितिन के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी थीं।
जल में डूब जाने से मौत दैवीय आपदा की श्रेणी में आती है। बृहस्पतिवार को दो सगे मौसेरे भाइयों के गंगा में डूब जाने की सूचना पाकर तहसीलदार परमानंद श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। घटना की जानकारी ली। तहसीलदार का कहना है कि दोनों भाइयों की मौत दैवीय आपदा की श्रेणी में आती है। इसमें चार लाख रुपये की मदद मिलने का प्रावधान है। जिसके लिए पोस्टमार्टम होना बेहद जरूरी है। इसके बाद तहसीलदार द्वारा लेखपाल से रिपोर्ट तैयार कराई जाती है। जिसे शासन को भेजा जाता है। पोस्टमार्टम और अन्य औपचारिकता पूरी होने पर वह दैवीय आपदा के तहत दोनों के परिवारों की मदद कराएंगे।